हर तरफ अंधेरा हो,
रात भी हो घातकी,
दिन भी लुटेरा हो,
यही तो है मौसम,
यही तो है मौसम,
आओ तुम और हम,
दर्द को बांसुरी बनाये
थोडा सा रुमानी हो जाये
मुश्कील है जिना
उम्मीद के बिना
थोडे से सपने सजाये
थोडा सा रुमानी हो जाये...
बादलो का नाम न हो,
अंबर के गाव मे
जलता हो जंगल खुद,
अपनी छाव मे
यही तो है मौसम
यही तो है मौसम
आओ तुम और हम
बारीश के नगमे गुनगुनाये,
थोडा सा रुमानी हो जाये
मुश्कील है जिना
उम्मीद के बिना
थोडे से सपने सजाये
थोडा सा रुमानी हो जाये...
[Lyrics of a beautiful title track of thoda sa rumani ho jaye. A simple poem beautifully composed.
Music: Bhaskar Chandavarkar, Lyrics: Kamalesh Pande.] Courtesy for song: Miss Vidhi Trivedi
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